आज चाँद की रोशनी कुछ खास है ,
अनजानी अनकही कोई बात है
जाने ये आने वाली भोर की ख़ुशी है ,या
बीतती हुई रात की याद है
दरख्तों के साये से छनती हुई चांदनी
अक़्सर दे जाती ये खूबसूरत एहसास है
काली घनी रात में भी ,ज़िंदा अभी एक आस है !!
अनजानी अनकही कोई बात है
जाने ये आने वाली भोर की ख़ुशी है ,या
बीतती हुई रात की याद है
दरख्तों के साये से छनती हुई चांदनी
अक़्सर दे जाती ये खूबसूरत एहसास है
काली घनी रात में भी ,ज़िंदा अभी एक आस है !!
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